हल्द्वानी : परिवार न्यायालय हल्द्वानी ने सौतेली माँ को भी अपने सौतेले पुत्र से भरण पोषण पाने का अधिकारी माना है यद्यपि भरण पोषण की धारा 125 जा०फ़ौ० में सिर्फ़ माँ को भरण पोषण दिये जाने की बात कही गयी है।
कथानक इस प्रकार है कि श्रीमती गीता देवी ने अपने पति की मृत्यु के बाद अपने सौतेले पुत्र गिरीश चन्द्र से भरण पोषण प्राप्त करने हेतु एक वाद परिवार न्यायालय हल्द्वानी में योजित किया था जिसमें परिवार न्यायालय के पीठासीन अधिकारी श्री बिन्ध्याचल सिंह ने सौतेली माँ को भी भरण पोषण प्राप्त करने का अधिकारी माना और दिनांक 22-09-2023 को पारित निर्णय में विपक्षी को अपनी सौतेली माँ को 6000/₹ प्रतिमाह भरण पोषण आजीवन अदा करने का आदेश दिया।
अभी तक गीता देवी मात्र 2500 ₹ प्रतिमाह पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर रही थी
प्रार्थिनी के अधिवक्ता विनीत परिहार ने बताया की धारा 125 जा०फ़ौ० में माँ शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है जिस कारण यह फ़ैसला महत्वपूर्ण है।