गोपाल सिंह बिष्ट
रानीखेत : अक्सर विवादों में घिरी रहने वाली नगर पालिका चिलियानौला एक बार फिर सफाई व्यवस्था को लेकर चर्चा में है। कभी सरकारी धन की बंदर बांट तो कभी अनावश्यक सामान की खरीददारी को लेकर नगर पालिका हमेशा चर्चा में रहती है। दरअसल इस बार नगर पालिका सफाई व्यवस्था को लेकर काफी चर्चा में है। नगर पालिका सफाई व्यवस्था को लेकर दावे तो बहुत करती है लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही है। चिलियानौला नगर पालिका का एकमात्र सार्वजनिक शौचालय नगर पालिका बनने के बाद से बंद पड़ा है। यह सार्वजनिक शौचालय मात्र गोदाम के रूप में ईस्तेमाल किया जा रहा है शौचालय के अंदर 2022 से ओपन जिम का सामान पैक करके रखा हुआ है जबकि नगर पालिका के ईओ प्रशांत कुमार के द्वारा ओपन जिम का नया सामान खरीद कर पार्क में लगा दिया गया है। सवाल ये उठता है कि यदि जिम का सामान था तो नया सामान क्यों खरीदा गया।
बता दें कि चिलियानौला एक पर्यटन स्थल भी है यहां हैड़ाखान मंदिर में कई देशी व विदेशी पर्यटक घूमने को आते हैं यहां शौचालय नहीं होने से पर्यटक भी परेशान रहते हैं। नगर पालिका के द्वारा चिलियानौला क्षेत्र में बायो टॉयलेट लगाए गए लेकिन पानी नहीं होने से वो भी गंदगी से पटे पड़े हैं। शौचालय के कर्मचारी ने बताया कि शौचालय की छत टूट रही है इसलिए बंद किया गया है लेकिन नगर पालिका के ईओ प्रशांत सक्सेना का कहना है कि बजट की कोई समस्या नहीं है अगर बजट की समस्या नहीं है तो आज तक चिलियानौला नगर पालिका का एकमात्र सार्वजनिक शौचालय रिपेयर क्यों नहीं किया गया। वहीं सरकारी धन के दुरुपयोग व 24 लाख की स्काई लिफ्ट खरीदने को लेकर वार्ड नंबर चार से सभासद नवल पांडे अपना स्तीफा भी दे चुके हैं। नगर पालिका में तिरंगा लाइट लगाई जानी थी जिनका शुभारंभ 15 अगस्त को किया जाना था लेकिन तिरंगा लाइटें अभी तक नहीं लगाई गई हैं, आखिर वो तिरंगा लाईटें कहां गई। सभासदों का कहना है कि कई सामान बोर्ड मीटिंग में पास किए बगैर ही खरीद लिए जाते हैं। वहीं टेंडर प्रक्रिया में भी बगैर ट्रेजरी ऑफिसर को बताए कोटेशन करा दिए जाते हैं। बता दें कि पहले भी नगर पालिका चिलियानौला डस्ट बीन, कूड़ा गाड़ी, तिरंगा लाइट, स्वागत बोर्ड, स्ट्रीट लाइट व टेंडर प्रक्रिया सहित कई मामलों को लेकर चर्चा में है।