यहां हुआ एसडीम का विरोध, ग्रामीणों ने बैठकर जताया विरोध यह है पूरा मामला

विकासनगर : नवीन चकराता टाऊनशिप को एमडीडीए के तहत बसाने को लेकर नागथात मे 40 गांव के लोगों ने एक बैठक बुलाई। बैठक मे लोगों ने बडी संख्या में भाग लिया और सभी लोगों ने धामी कैबिनेट से पास टाऊनशिप का तो स्वागत किया मगर टाऊनशिप को बसाने के लिए नोडल एजेंसी एमडीडीए को बनाने को लेकर आपत्ति दर्ज की।

बैठक मे पहुंचे सभी ग्रामीणों का कहना लगभग एक ही था कि अगर नवीन चकराता टाऊनशिप एमडीडीए बसायेगा तो इसमें हमें हमारी जमीन पर जो भी छोटा बडा निर्माण करना है उसके लिए एमडीडीए से नक्शा पास करवाना पडेगा। आखिर हम अपनी जमीन पर कुछ भी निर्माण करने लिए एमडीडीए के अधिकारियों के चक्कर क्यों काटे। चूकिं एमडीडीए इस क्षेत्र में एक बार आ गया तो ग्रामीण क्षेत्र होने के नाते हम एमडीडीए के भारी भरकर टैक्स को नहीं भर सकते।

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इसलिए सभी ग्रामीणों ने धामी सरकार से नवीन चकराता टाऊनशिप को एमडीडीए से बाहर रखने की अपील की है।दूसरी आशंका ग्रामीणों ने ये जताई है कि चूंकि चकराता क्षेत्र जनजातीय क्षेत्र है ऐसे मे यहां कि जमीन कोई बहारी लोग नहीं ले पाते है जिस कारण आजतक इस क्षेत्र मे बाहरी लोग लोग नहीं बस पाये है और इसी कारण इस क्षेत्र मे आजतक शांति बनी हुई है।

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भविष्य में अगर यहां एमडीडीए आता है और वह इस क्षेत्र की बंजर बड़ी भूमि पर फ्लैट बनाकर बेचता है तो उन फ्लैट को बहारी लोग बड़ी संख्या में खरीदेगे और इस कारण इस क्षेत्र की शांति को संस्कृति दोनों ही खतरे में पड़ने का डर है इसलिए भारत के संविधान ने जनजातियों को जो अधिकार दिये है उसका पालन और ख्याल रखना सरकार का दायित्व है।आपको बता दें कि धामी सरकार की कैबिनेट ने चकराता विधानसभा के 40 गांव के खेडे मंजरों को नवीन चकराता टाऊनशिप मे बसाने का निर्णय लिया है ये गांव मसूरी चकराता हाईवे के दोनों तरफ 2 किलोमीटर दायरे के अन्तर्गत क्षेत्र से लिये जाऐगें।

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