उद्यान निदेशालय चौबटिया में आला अधिकारियों के नहीं बैठने पर भारी बारिश के बीच उपवास में बैठे ग्रामीण

रिपोर्ट – गोपाल सिंह बिष्ट

रानीखेत : सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती ने उद्यान निदेशालय में आला अधिकारियों के नहीं बैठने को लेकर एक दिन का उपवास किया। भारी बारिश के बीच दीपक करगेती अपने साथियों के साथ उपवास पर बैठे रहे। दीपक करगेती ने कहा कि अविभाजित उत्तर प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री पंडित गोविन्द बल्लभ पंत ने सन् 1953 में पहाड़ों के विकास और बागवानी को बढ़ावा देने के लिए उद्यान निदेशालय की स्थापना की थी। लेकिन आज उत्तराखण्ड सरकार के उदासीन रवैए के कारण उद्यान निदेशालय चौबटिया मृतप्राय हो चुका है। उद्यान निदेशालय के सभी प्रखंड पहाड़ में बनाना, इसके सभी उच्चाधिकारियों को निदेशालय में बैठाने के पीछे पंडित गोविन्द बल्लभ पंत का एकमात्र उद्देश्य पहाड़ का विकास था। उन्होंने कहा कि अपर निदेशक डॉ0 आर.के. सिंह सहित सात आला अधिकारी उद्यान विभाग के पास हैं लेकिन नेताओं के देहरादून प्रेम ने चौबटिया निदेशालय के बड़े अहोदों पर बैठे सभी अधिकारियों को देहरादून में बंद एसी कमरों में बैठने का फरमान जारी कर दिया। पहाड़ के काश्तकारों को गुमराह करने और इन आला अधिकारियों की तनख्वाह निकालने के लिए यह निदेशालय यहां रह गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि पंडित गोविन्द बल्लभ पंत ने जिस निदेशालय की स्थापना की उसे आज सरकार के देहरादून प्रेम ने नष्ट कर दिया है। आज पंडित गोविन्द बल्लभ पंत जी की जयंती पर उनके सपनों का उत्तराखण्ड बनाने के लिए सरकार को सभी आला अधिकारियों को निदेशालय में बैठकर ही कार्य करने और धरातल की स्थिति को जानने को कहा जाए। बाद में दीपक करगेती ने तहसीलदार हेमन्त मेहरा को ज्ञापन दिया।

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